जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग Hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम जानेंगे कि earthing kya hai और अर्थिंग कितने प्रकार से किया जाता है अर्थिंग क्यों किया जाता है अर्थिंग करने के क्या लाभ होते हैं। इलेक्ट्रिकल में अर्थिंग का इतना महत्व क्यों है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि earthing करने का मुख्य उद्देश्य क्या होता है आखिर क्यों हमारे घरों के स्विच बोर्ड में एक अर्थिंग का तार होता है जबकि हम उसका इस्तेमाल भी नहीं करते हैं।
घरों में जो स्विच बोर्ड होते है उसने लगे शॉकेट में पांच पिन होते हैं जिसमे सबसे ऊपर बड़ा वाला पिन अर्थिंग का होता है। आज हम लोग इसके बारे में भी जानेंगे कि यह अर्थिंग पिन क्यों होता है। तो आइए जानते की अर्थिंग या ग्राउंडिंग क्या होता है।
Earthing kya hai || Earthing in hindi.
Earthing को हिंदी में ग्राउंडिंग या भू संपर्कन कहा जाता है। अर्थिंग एक सुरक्षात्मक तंत्र है जो की मनुष्य ,उपकरण, जानवर, विद्युत प्रणाली आदि को दोष की उपस्थिति में विद्युत झटके से सुरक्षा प्रदान करता है।
जब किसी उपकरण के ऐसे धातु भाग या आवरण को जिसमे विद्युत धारा न प्रवाहित होती हो उसे न्यून प्रतिरोध चालक तार व इलेक्ट्रोड की सहायता से भूमि से जोड़ देते हैं तो इसे अर्थिंग कहा जाता है।
किसी उपकरण या प्रणाली के ऐसे धातु भाग जिसमें सामान्यतः धारा प्रवाहित नहीं होती है परंतु दोष की उपस्थिति में उसमें धारा प्रवाहित होने की संभावना होती है तो ऐसे भाग को किसी शून्य प्रतिरोध चालक तार की सहायता से भूमि से संपर्क करने की प्रक्रिया को अर्थिंग कहा जाता है।
अर्थिंग क्यों किया जाता है। Need of earthing.
जबकि हम जानते हैं कि पृथ्वी का विभव शून्य होता है इसलिए यदि किसी विद्युत तंत्र ,प्रणालि, मशीन, उपकरण आदि को पृथ्वी से संपर्कित कर दिया जाए तो उस मशीन, तंत्र, प्रणाली का भी विभव शून्य हो जाएगा जिससे कभी दोष की उपस्थिति में उस उपकरण में धारा प्रवाहित होगी तो वह सीधे न्यून प्रतिरोध के अर्थ वायर की सहायता से भूमि में चली जाएगी।
अर्थिंग किए गए उपकरण को विद्युत प्रदोष की उपस्थिति में यदि कोई व्यक्ति छू लेगा तो उसे विद्युत का झटका नहीं लगेगा क्योंकि पृथ्वी और अर्थ वायर दोनों का प्रतिरोध व विभव शून्य (नगण्य) होता है जबकि मनुष्य का प्रतिरोध 1000ओह्म से 10,000 ओह्म तक होता है। जिससे धारा व्यक्ति से ना होकर वायर के थ्रू अर्थ में चली जाएगी। क्योंकि विद्युत धारा हमेशा निम्न प्रतिरोध और न्यून दूरी वाले रास्ते से बहती है।
अर्थिंग करने के अन्य कई कारण हैं।
- आकाशीय बिजली से तंत्र व प्रणाली की रक्षा के लिए
- विद्युत का झटका ना लगे इसके लिए अर्थिंग किया जाता है।
- किसी परिपथ और उपकरण में दोष की उपस्थिति में उस में बहने वाली चरण धारा से मनुष्य व मशीनों को बचाने के लिए।
- अर्थ का प्रतिरोध नगण्य होने के कारण धारा का मान बढ़ जाता है जिससे फ्यूज जल्दी से गलकर परिपथ को तोड़ देते हैं।
- विद्युत उपकरण के धारा वहन न करने वाले भाग तथा उदासीन तार को भू विभव पर बनाए रखा जाता है।
अर्थिंग करने के प्रकार। Types of earthing in hindi.
- Pipe earthing.
- plate earthing.
- Rod earthing.
- Coil earthing.
- Wire or strip earthing.
- chemical earthing.
1. पाइप अर्थिंग। Pipe earthing in hindi.
2. प्लेट अर्थिंग। plate earthing in hindi.
3. वायर व स्ट्रिप भू संपर्कन। Wire or strip earthing in hindi.
4. छड़ भू संपर्कन। ( Rod earthing in hindi)
5. कुंडली भू संपर्कन। Coil earthing in hindi.
ग्राउंड या अर्थ किए जाने वाले बिंदु। Point to be earthed.
- 3pin व 5pin सॉकेट को अर्थ किया जाना चाहिए।
- 4 तार डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में न्यूट्रल वायर को अर्थ किया जाना चाहिए।
- सभी उपकरण जैसे मोटर जनरेटर, कूलर, रेफ्रिजरेटर, गीजर आदि के धातु भाग का अर्थिंग करना जरूरी होता है।
- शिरोपारी लाइन के धातु आधार (लोहे के खंभे) को।
- केबल बॉक्स के धातु को।
- स्विच बोर्ड के धातु भाग को।
- विभिन्न प्रकार के विद्युत मशीनों को।
- ट्रांसफार्मर को।
Earthing करने के लाभ। Advantage of earthing.
- विद्युत क्षरण होने पर उपकरण को छूने से झटका नहीं लगता है
- विद्युत क्षरण होने पर विद्युत धारा का मान बढ़ जाता है जिससे फ्यूज जल्दी गल कर परिपथ को तोड़ देता है।
- उपकरण के धारा वहन न करने वाले धातु भाग भू विभव पर बने रहते हैं।
- आकाशीय बिजली के कारण विद्युत लाइन पर उच्च वोल्टता आने पर भू संपर्कन प्रणाली के द्वारा इसे आसानी से भूमि में भेज दिया जाता है।
- अर्थिंग करके उपकरण तथा भवन आदि की भी आकाशीय बिजली से सुरक्षा की जा सकती है/की जाती हैं।
- उदासीन तार को भू संपर्कित करने से थ्री फेज सप्लाई में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है।
Earthing से होने वाली हानियां। Disadvantages of earthing.
- भू तार टूटने पर भू की स्थिति में उपकरणों को छू लेने पर विद्युत का झटका लग सकता है।
- बुधवार को उदासीन कार की तरह उपयोग नहीं करना चाहिए।
- अर्थिंग का तार टूट जाने पर 3 फेज बोल्ट ता प्रणाली में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है।
- जिसके कारण किसी एक पेज में बोल्ट ता अधिक होने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो कि एक विद्युत उपकरण के लिए हानिकारक होता है।
भू संपर्कन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- भू संपर्कन की दूरी भू संपर्क किए जाने वाले स्थान या संस्थान से कम से कम 1.5 मीटर होनी चाहिए।
- Earthing wire की माप कॉपर के तार 14SWG से कम नहीं होना चाहिए।
- भू तार तथा भू इलेक्ट्रोड एक ही पदार्थ का होना चाहिए।
- भू तार को भू तल से 60cm नीचे रखना चाहिए और 12.7mm व्यास के GI पाइप में से ले जाना चाहिए। ताकि यांत्रिक सुरक्षा की जा सके।
- भू संपर्कन इलेक्ट्रोड जमीन में ऊर्ध्वाधर स्थिति में होना चाहिए।
अप्रभावी भू संपर्कन के कारण।
- भू तार की उपयुक्त माप न होना।
- भू इलेक्ट्रोड की उपयुक्त माप न होना।
- जोड़ ढीले होना।
- इलेक्ट्रोड की गहराई काम होना।
- भू संपर्कन में नमी न होना।
विभीन्न संस्थानों का अधिकतम भू संपर्कन प्रतिरोध।
- बड़े शक्ति केंद्र का भू संपर्कन प्रतिरोध - 0.5 ओह्म।
- छोटे शक्ति केंद्र का भू संपर्कन प्रतिरोध - 1 ओह्म।
- छोटे उपकेंद्र का भू संपर्कन प्रतिरोध - 2 ओह्म।
- घरेलू तार का भू संपर्कन प्रतिरोध - 1 ओह्म।
- अन्य विद्युत संस्थानों का भू संपर्कन प्रतिरोध - 8 ओह्म।
- खंभे से खंभे के मध्य भू संपर्कन प्रतिरोध - 1 ओह्म।
- पहाड़ी क्षेत्रों में भू प्रतिरोध - 3 ओह्म।
भू तार व इलेक्ट्रोड की माप।
FAQ.
>अर्थिंग वायर किस धातु के होते हैं?
अर्थिंग वायर कॉपर या एलुमिनियम के हो सकते हैं।
>GI क्या होता है?
GI का फुल फॉर्म galvanized iron होता है। गेलवेनाइजेशन एक प्रक्रिया है जिसमें किसी धातु पर जिंक की परत चढ़ाई जाती है जिससे कि उस पर वातावरण का प्रभाव नहीं पड़ता है। जैसे उसपर जंग नहीं लगेगा।
>अर्थिंग वायर इंसुलेशन क्यों नहीं होता है?
क्योंकि यह जमीन के अंदर होते हैं और इनका प्रतिरोध बहुत कम होता है जिससे करेंट बिना किसी रुकावट के भू में चला जाता है।
और जो अर्थिंग वायर खंभों पर लपेटे जाते हैं उन्हें इसलिए खुला रखा जाता है ताकि अकाशी बिजली अधिक खंभों पर गिरे तो उन तारों की सहायता से उन्हें आसानी से भूमियों पहुंचा जा सके।
>अर्थिंग वायर का प्रतिरोध कितना होता है?
अर्थ वायर का प्रतिरोध जितना हो सके उतना कौन होना चाहिए फिर भी अधिकतम एक या दो ओम प्रतिरोध वाले तार घरेलू अर्थिंग में प्रयोग किए जा सकते हैं।
>अर्थ इलेक्ट्रोड क्या होता है।
ये धातु के प्लेट, पाइप, रॉड, स्ट्रिप, coil आदि होते है जिन्हें भूमि में गाड़ा जाता है और उनसे अर्थ वायर को जोड़ दिया जाता है।
∆ डायोड क्या होता है। कैसे काम करता है। उपयोग।
Conclusion!
इस लेख में हमने आज जाना की earthing kya hota hai. तथा अर्थिंग कितने प्रकार के होते हैं। earthing करने के क्या-क्या लाभ होते हैं साथ ही हमने यह भी जाना की विद्युत उपकरण और विद्युत मशीनों के किन भागों को अर्थ किया जाता है।
अगर आप इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई कर रहे हैं चाहे डिप्लोमा हो बी टेक हो या फिर आईटीआई तो आपके लिए यह पूरा लेख बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि आपने इस पूरे लेख को दो-तीन बार पढ़ लिया तो आप अर्थिंग से जुड़े सभी सवालों के जवाब बहुत ही आसानी से दे पाएंगे तो हो सके तो आप इस लेख को सेव करके रखें।
यदि आपके के पास अर्थिंग से जुड़ा हुआ कोई सवाल है तो अपने सवाल हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।
अंत में आपसे एक गुजारिश है यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया है तो आप इसे अपने मित्रों के साथ इसे जरूर साझा करें।
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