जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम जानेंगे कि capacitor kya hai और यह कैसे काम करता है तथा capacitor का उपयोग क्यों और कहां किया जाता है। पिछले लेख में हम लोगों ने जाना था कि VFD क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है अगर आपने अभी तक इस लेख को नहीं पढ़ा है तो अभी जाकर पढ़ें!
अगर आपके घर में सीलिंग फैन है तो आपने कैपेसिटर जरूर देखा होगा क्योंकि आज तक किसी का ऐसा सीलिंग फैन है ही नहीं जिसका कैपेसिटर एक बार खराब ना हुआ हो लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि यह कैपेसिटर पंखे में क्यों लगाया जाता है और यह कैसे काम करता है। तो आइए अब हम विस्तार से जानते हैं कैपिटल के बारे में।
Capacitor kya hai. Capacitor in hindi.
Capacitor in hindi: capacitor को हिंदी में संधारित्र या कंडेनसर भी कहते हैं यह एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो विद्युत ऊर्जा को आवेश के रूप मे स्टोर करता है और जब सर्किट को इस विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है तब यह एक ही बार में पूरी उर्जा सर्किट को दे देता है।
Capacitor विद्युत परिपथ में प्रयुक्त किया जाने वाला दो शिरो वाला एक प्रमुख अवयव है। इसमें दो चालक धातु की प्लेट होती हैं जिनके बीच में एक अचालक पदार्थ होता है जो धातु के प्लेटों को एक दूसरे से अलग परंतु समीप रखती हैं। ये धातु के प्लेट capacitor की बनावट के अनुसार अलग-अलग आकार व प्रकार के हो सकते है।
Capacitor की परिभाषा। संधारित्र किसे कहते हैं?
Wikipedia के अनुसार: दो या दो से अधिक चालकों को एक विद्युतरोधी माध्यम द्वारा अलग रखा जाए, तो यह व्यवस्था संधारित्र कहलाती है।
Miscellaneouslearning के अनुसार: ऐसा विद्युत उपकरण जिसका उपयोग विद्युत ऊर्जा या आवेश को संग्रहित करने के लिए किया जाता है संधारित्र कहलाता है।
Hindimetalk के अनुसार: संधारित्र विद्युत ऊर्जा भंडारण की ऐसी युक्ति है जिसमें धातु के दो प्लेटो को एक कुचालक पदार्थ से अलग रखा जाता है। दोनो प्लेटो पर समान मात्रा में विपरीत आवेश संचित होते हैं।
Capacitor कैसे काम करता है। How capacitor work.
धन आवेश का मतलब होता है इलेक्ट्रॉनों की कमी और ऋण आवेश का मतलब होता है इलेक्ट्रॉनों की अधिकता जिसकी वजह से दोनों प्लेटों के बीच विभवांतर उत्पन्न हो जाता है अब यदि परिपथ पूर्ण होगा तो कैपेसिटर में संचित विद्युत ऊर्जा परिपथ से होकर बहेगी। कैपेसिटर की विशेषता यह है कि इसमें जो ऊर्जा संचित होती है वह परिपथ को एक ही बार में पूरी तरह से मिल जाती है।
Note: दोनों प्लेटों पर आदेशों की मात्रा समान होती है परंतु उनकी प्रकृति विपरीत होती है।
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Capacitor के प्रकार। Types of capacitor.
- Fixed capacitor
- Variable ccapacitor
1. Fixed capacitor.
Fixed capacitor ऐसे कैपेसिटर होते हैं जिन्हें एक बार निर्मित करने के बाद उनके मान(क्षमता) में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन ना किया जा सके। जैसे यदि किसी कैपेसिटर क्षमता 40 वोल्ट की है तो उसकी क्षमता उतनी ही रहेगी उसे किसी भी प्रकार से परिवर्तित नहीं किया जा सकता है यदि उसे इससे अधिक वोल्टेज दिया गया तो वह फट जायेगा। इसलिए इन्हें फिक्स्ड कैपेसिटर कहते हैं।
2. Variable capacitor.
1. पेपर कैपेसिटर। Paper capacitor.
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Paper capacitor |
इस कैपेसिटर को धातु की पत्तियों के बीच कागज को लपेट कर बनाया जाता है इस कैपेसिटर की रेंज 1 माइक्रो फैरेड से 1000 माइक्रो फैरेड तक हो सकती है। इसका बाहरी परत एल्युमिनियम का बना होता है। ये कम क्षमता के होते हैं।
इस प्रकार के कैपेसिटर में माइक का यानी कि अभ्रक को इंसुलेटेड मटेरियल के तौर पर उपयोग किया जाता है इसमें धातु की प्लेट और मायका के परत को एक के ऊपर एक रखकर बनाया जाता है बनाया जाता है।
इस प्रकार के कैपेसिटर में इलेक्ट्रोलाइट कोंटाई इलेक्ट्रिक के रूप में प्रयोग किया जाता है यह दो एलमुनियम की परत से बने होते हैं इनमे इलेक्ट्रोलाइट के रूप में अमोनियम बोरेट या सोडियम फास्फेट के घोल का उपयोग किया जाता है। इन्हें दो प्रकार से बनाया जाता है पहला गिले रूप से और दूसरा अर्ध शुष्क प्रकार से।
इस प्रकार के कैपेसिटर में एलमुनियम की दो प्लेटें होती हैं जिन्हें सिरेमिक कंपाउंड की मदद से अलग किया जाता है यह कहते सीटर बहुत ही छोटे आकार के होते हैं इस प्रकार के कैपेसिटी का उपयोग अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों और परिपथों में किया जाता है।
ऑयल कैपेसिटर में धातु की दोनों प्लेटो को एक दूसरे से अलग रखने के लिए ऑयल का उपयोग किया जाता है यह विशेष प्रकार के ऑयल होते है जैसे- ट्रांसफॉर्मर ऑयल। ये अधिक क्षमता के होते हैं तथा ये जल्दी गर्म नही होते है। इनका जीवन काल लंबा होता है।
Capacitor क्यों लगाते हैं। Why we use capacitor.
इस परेशानी को दूर करने के लिए सर्किट में कैपेसिटर का उपयोग किया जाता है जब सर्किट में विद्युत सप्लाई आती है तो उस समय कैपेसिटर खुद को चार्ज कर लेता है और जब सप्लाई चली जाती है तो कैपेसिटर अपने चार्ज को परिपथ को दे देता है जिससे लगातार धारा का प्रवाह बना रहता है (यह पूरी प्रक्रिया नैनो सेकंड में हो जाती हैं) और उपकरण अपनी पूरी क्षमता पर कार्य कर पाता है। यही प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।
पावर फैक्टर को ठीक करने के लिए भी कैपेसिटर का उपयोग किया जाता है।
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Capacitance क्या होता है। संधारित्र की धारिता हैं?
Capacitance in hindi: धारिता(capacitance) किसी चालक की आवेश को ग्रहण करने की क्षमता होती है। किसी चालक के विभव को एक वोल्ट से बढ़ने में उस चालक को जो भी आवेश देना पड़ता है वो उसकी धारिता के बराबर होता है। अगर किसी चालक में एक वोल्ट विभव(potential) बढ़ाने के लिए कम आवेश देना पड़ता है तो इस चालक की धारिता कम होती है यदि ज्यादा आवेश देना पड़ता है तो उसकी धारिता अधिक होती है। अर्थात चालक की धारिता इसके आवेश ग्रहण करने की क्षमता का माप है।
Capacitance किसी चालक को दिए गए आवेश और उसमे उपस्थित विभव के अनुपात के बराबर होता है। C= Q/V यहां C= capacitance, Q= charge (आवेश), V= वोल्ट ( विभव)
धारिता का मात्रक , धारिता=आवेश/विभव, अतः C=कुलाम/वोल्ट
चूकी: कुलाम/वोल्ट= फैरड , इसका मतलब ये हुआ कि यदि किसी चालक को 1कुलम का आवेश देने पर उसमे 1 वोल्ट की वृद्धि होती है तो उसकी धारिता कहलाएगी 1 फैरड।
Capacitor और Battery में क्या अंतर है?
- कैपेसिटर और बैटरी में मुख्य अंतर यह है कि कैपेसिटर बैटरी की अपेक्षा बहुत ही जल्दी चार्ज हो जाता है जबकि बैटरी धीरे-धीरे चार्ज होती है।
- कैपेसिटर संग्रहित विद्युत ऊर्जा को एक ही बार में परिपथ को दे देता है जबकि बैटरी धीरे धीरे और एक समान रूप से देता है।
- कैपेसिटर बहुत जल्दी चार्ज होते हैं और बहुत जल्दी डिस्चार्ज भी हो जाते हैं जबकि बैटरी धीरे-धीरे चार्ज होती है और धीरे-धीरे डिस्चार्ज होती है।
- बैटरी रासायनिक ऊर्जा के रूप में चार्ज को स्टोर करती है, जबकि कैपेसिटर इलेक्ट्रोस्टैटिक क्षेत्र के रूप में चार्ज को स्टोर करता है।
कैपेसिटर का कनेक्शन। Conection of capacitor.
पंखे में कैपेसिटर क्यो लगाते है? Why we use capacitor in fan.
कैपेसिटर लगाने के फायदे। Advantage of capacitor.
- Capacitor के उपयोग से पावर फैक्टर सुधरता होता है।
- कैपेसिटर का उपयोग करने से उपकरण व परिपथों की दक्षता बढ़ जाती है।
- Capacitor का उपयोग करना बहुत आसान है।
- कैपेसिटर को मेंटेनेंस की आवश्यकता नहीं होती है।
- जल्दी खराब नही होते हैं।
- कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध है।
कैपेसिटर लगाने से हानि। Disadvantage of capacitor.
- एक बार कैपेसिटर खराब होने पर इसे फिर से प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
- कैपेसिटर का मेंटेनेंस नही किया जा सकता है।
- निर्धारित क्षमता से अधिक वोल्टेज होने पर खराब होने की संभावना अधिक होती है।
- कैपेसिटर खराब होने पर इसे बदलना ही होगा।
FAQ: Related to capacitor in hindi.
उत्तर - संधारित्र।
उत्तर - वोल्टेज को एक स्तर पर स्मूथ बनाए रखने के लिए।
उत्तर - कैपेसिटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।
उत्तर - कैपेसिटर को ही कंडेनसर कहां जाता है।
उत्तर - कैपेसिटर दो धातु के प्लेटों को एक डाइलेक्ट्रिक मैटेरियल द्वारा अलग करके बनाया जाता है।
उत्तर - कैपेसिटर को मल्टीमीटर से चेक किया जा सकता है।
उत्तर - रोटेटिंग टॉर्क उत्पन्न करने के लिए और और पावर फैक्टर को बढ़ाने के लिए।
उत्तर - संधारित्र का मूल उपयोग विद्युत ऊर्जा को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
उत्तर - किसी संधारित्र की धारिता उसके चालकों द्वारा आवेश ग्रहण करने की क्षमता होती है।
उत्तर - संधारित्र ओं का संयोजन दो प्रकार से किया जाता है। 1. श्रेणी क्रम में। 2. समांतर क्रम में।
उत्तर - संधारित्र की इकाई फैराडे और माइक्रो फैरड है।
उत्तर - Cp= C1+C2+C3
उत्तर - प्रत्येक संधारित्र में दो प्लेट होती हैं जिनमें से एक पर ऋण आवेश और दूसरे पर धन आवेश एकत्रित होते हैं।
उत्तर - सामान्यता सीलिंग फैन में एक ही कैपेसिटर लगाए जाते हैं।
उत्तर - चल सकता है परंतु उसे किसी दिशा में धक्का देना होगा।
उत्तर - अगर कैपेसिटर खराब होगा तब चार्ज के बाद दोनो टर्मिनल को सटाने पर बहुत कम स्पार्किंग होता है।
उत्तर - C=q/v जहा C=capacitor, q= आवेश, v= वोल्ट
उत्तर - फैरड या माइक्रो फैरड।
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