FD(fixed deposit) क्या है। FD कैसे कराए। FD के फायदे और नुकसान।

जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम लोग जानने वाले हैं कि FD kya hai अर्थात Fixed deposit क्या होता है। हम अपना FD कैसे करवा सकते हैं और हमें FD से क्या लाभ और नुकसान हो सकता है। इसके पहले वाले लेख में हम लोगों ने IPO के बारे में अच्छे से चर्चा किया था।

FD को हमारे यहां सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि इसमें नुकसान होने की कोई संभावना नहीं होती है और इसकी प्रक्रिया भी बहुत आसान होती है तथा एफडी करवाने के लिए बहुत बड़े रकम की आवश्यकता भी नहीं होती है। और इसे आसानी से बैंक की मदद से कराया भी जा सकता है यही कारण है कि भारत में लोग एचडी को इतना ज्यादा पसंद करते हैं।

FD क्या है? Fixed deposit in hindi.

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FD का फुल फॉर्म Fixed deposit होता है। जैसा कि आपको नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें एक निश्चित राशि को कहीं जमा करने की बात हो रही है। एचडी एक निश्चित राशि होती है जिसे आप किसी बैंक या किसी कंपनी को एक निश्चित ब्याज पर देते हैं।

अर्थात यदि आप किसी बैंक या किसी कंपनी में अपने एक निश्चित धनराशि का एचडी करते हैं तो उसके बदले में वह बैंक या कंपनी आपको प्रतिवर्ष एक निश्चित ब्याज देगी। आमतौर पर एचडी के लिए ब्याज दर 5 से 8% तक होती है।

Types of FD. FD के प्रकार।

FD के साथ मिलने वाली अलग-अलग सुविधा के आधार पर इसके कई प्रकार हैं।

1. Regular FD: रेगुलर fd में आपको ब्याज प्रतिदिन मिलता है।

2. Flexi FD: यदि आपका बचत खाता fd से लिंक है और आपने अपने बचत खाते में एक लिमिट लगा रखा है जिससे ऊपर पैसा खाते में होने पर वह पैसा अपने आप आपके बैंक अकाउंट से कट कर एचडी में जुड़ जाता है।

3. Tax saving FD: अक्सर लोगों को लगता है कि FD से मिले रिटर्न पर टैक्स नहीं लगता है लेकिन हम आपको बता दे की FD से मिली रिटर्न पर टैक्स लगता है यदि आप fd से प्राप्त ब्याज राशि को टैक्स से बचना चाहते हैं तो आपको कम से कम 5 साल के लिए एचडी करना होगा।

4. senior FD: यह केवल बुजुर्गों के लिए है इसमें 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को पॉइंट 0.25% से 1% तक ज्यादा ब्याज मिलता है।

5. shareholders FD: इस प्रकार का एफडी सरकारी बैंक या फिर प्राइवेट बैंक नहीं देते हैं बल्कि इसे कॉरपोरेट और एनबीएफसी एचएफसी जैसे संस्थान देते हैं।

ब्याज के आधार पर एफडी दो प्रकार के होते हैं।

1. simple interest FD: आमतौर पर लोगों को एफडी पर साधारण ब्याज ही मीलता है इसमें आपके मूलधन पर एचडी के अनुसार निश्चित समय पर आपको ब्याज दिया जाता है जैसे मान लीजिए कि यदि आपका मूलधन है ₹100 और आपको उसे पर 10% का साधारण ब्याज मिलता है तो अगले साल आपका पैसा ₹110 हो जाएगा लेकिन आपको अगले साल भी₹100 पर ही 10% ब्याज दिया जाएगा। जबकि आपके पास अब ₹110 हो चुके हैं।

2. Cumulative interest FD: इसे कंपाउंडिंग इंटरेस्ट fd भी कहा जाता है इसमें आपके मूल धन पर मिलने वाले प्याज को मूल धन में जुड़कर उसके ऊपर भी अगली बार हम को ब्याज दिया जाता है जैसे भी आपके fd में 100 रुपए हैं और उस पर आपको 10 परसेंट का ब्याज मिलता है प्रतिवर्ष तो हमने साल आपके पास ₹110 होंगे और कंपाउंड इंटरेस्ट के हिसाब से अब आपको ₹110 पर 10% का ब्याज मिलेगा।

FD कौन करता हैं? Fd कैसे कराएं?

Fd आम तौर पर लोग बैंकों में ही करवाते हैं परंतु इसके अलावा भी कुछ अन्य विकल्प हैं जहां आपको FD के बदले बैंकों से ज्यादा रिटर्न मिलता है। तो आईए जानते है इनके बारे मे।

  1. Government bank.
  2. Private bank.
  3. Small finance bank.
  4. NBFC and HFC.
  5. Credit cooperative societys.

Fd करवाने के लिए है आप इनमें से किसी भी एक संस्थान में जाकर वहां के मैनेजर से बोल सकते हैं उसके बाद की सारी प्रक्रिया वह आपको खुद बताया यदि जरूरत पड़ी तो उसमें आपकी मदद भी करेगा।

महत्वपूर्ण तथ्य!
  • सरकारी बैंक की अपेक्षा प्राइवेट बैंक और एनबीएफसी एचएफसी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज ज्यादा ब्याज देती हैं।
  • सरकारी और प्राइवेट बैंक आपको fd पर लोन भी दे देती है।
  • सरकारी बैंक की अपेक्षा प्राइवेट बैंक और प्राइवेट संस्थानों में आपके एचडी की सुरक्षा कम होती है।

FD के फायदे।

FD एफडी करवाने से बहुत सारे फायदे होते हैं। आईए जानते हैं उनके बारे में।
  • एफडी में आपको हमेशा निश्चित रिटर्न मिलता है।
  • Fd एचडी की समय अवधि समाप्त हो जाने पर यह स्वत रिन्यू भी हो जाता है यदि आपने एफडी करते समय स्वतः रिन्यू का ऑप्शन चुना होता है तब।
  • फिक्स्ड डिपॉजिट पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई फर्क नहीं पड़ता है।
  • फिक्स डिपाजिट करने के लिए आपके पास विशेष जानकारी होने की आवश्यकता नहीं है।
  • फिक्स्ड डिपॉजिट आप 7 दिन से 10 साल तक की अवधि तक के लिए करवा सकते हैं।
  • फिक्स्ड डिपॉजिट कभी-कभी आपातकालीन स्थिति में काम में आ जाता है।
FD के नुकसान।
  • फिक्स डिपाजिट का सबसे बड़ा है कि इसमें आपका धनरशि एक निश्चित समय के लिए लॉक कर दिया जाता है।
  • यदि FD की धनु राशि को समय सीमा से पहले निकलते हैं तो उसपे पेनल्टी लगती है जो एक परसेंट या उससे ज्यादा भी हो सकती है।
  • एचडी से कमाई गई राशि पर टैक्स लगता है।
  • जैसा कि हम जानते हैं कि FD पर निश्चित रिटर्न मिलता है यदि इस बीच में इन्फ्लेशन fd के ब्याज दर से ज्यादा हो गई तो आपके पास ऐसा कोई ऑप्शन नहीं है कि आप अपने ब्याज दर को बढ़ावा सके।
निष्कर्ष।
आज के इस लेख में हम लोगों ने फिक्स डिपाजिट से जुड़े सभी पहलुओं पर अच्छे से चर्चा किया है अर्थात हमने FD के बारे में लगभग सभी जानकारी हासिल कर लिया है। इसके आधार पर  हम यह कह सकते हैं कि फिक्स डिपाजिट एक अच्छा विकल्प है उनके लिए जो शेयर बाजार में नहीं जाना चाहते हैं। 

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