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फ़रवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Amazon कहा कि कंपनी है। इसका मालिक कौन है।

जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम लोग अमेजन कंपनी के बारे में जानेंगे जैसे कि अमेजन कहां की कंपनी है और इसका मालिक कौन है तथा इसकी शुरुआत कब हुई थी और किसने किया था।  कुल मिलाकर कहने का अर्थ है कि आज के इस लेख में हम लोग Amazon company के इतिहास, भूगोल और भूत, वर्तमान तथा भविष्य के बारे मे जानेंगे। तो देर किस बात की है चलिए शुरुआत से शुरू करते हैं। ।मुख्य बिंदु। कंपनी का नाम - अमेजॉन स्थापना - 5 जुलाई 1994 देश - अमेरिका संस्थापक - जेफ बेज़ोस CEO - एंडी जैसी    मुख्यालय - सिएटल, वॉशिंगटन वेबसाइट - www.amazon.com Amazon kaha ki company hai। अमेजॉन किस देश की कंपनी है। अमेजॉन अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी कंपनी है अमेजन कंपनी का नाम अमेरिका के amazon जंगल के नाम पर पड़ा है। लोगों को ऐसा लगता है कि अमेजॉन केवल एक ऐसी कंपनी है जो केवल ऑनलाइन वस्तुएं बेचती है। जबकि वर्तमान में अमेजन वीडियो स्ट्रीमिंग, ब्राउजिंग, क्लाउड जैसे क्षेत्रों में एक बड़े ब्रांड के रूप मे

Myntra कहा की कंपनी है। इसका मालिक कौन है।

जय हिन्द दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज हम जानेंगे कि Myntra kaha ki company और इसका मालिक कौन है तथा इसकी शुरुआत किसने और कब किया था।  जब ऑनलाइन शॉपिंग की बात आती है तो हमे Amazon, Flipkart और Myntra ही याद आते हैं। लेकिन वर्तमान में भारत की नंबर वन ईकॉमर्स प्लेटफार्म Amazon, flipkart नही बल्कि Myntra बन गई हैं। इसलिए हमे ये पता होना चाहिए कि myntra किस देश की कंपनी है। तो आइए जानते हैं। ।मुख्य बिंदु। नाम -  Myntra  प्रकार - ई कॉमर्स स्थापना - 2007 संस्थापक - मुकेश बंसल CEO- नंदिता सिन्हा हेडक्वार्टर - बंगलौर कर्नाटक भारत वेबसाइट - www.myntra.com Myntra kaha ki company? Myntra किस देश की कंपनी है? Myntra एक ई-कॉमर्स भारतीय कंपनी है इसकी शुरुआत 2007 में B2B बिजनेस के रूप में हुई थी। किसकी वजह से शुरुआत में 2007 से 2010 तक यह केवल किसी बिजनेस कंपनी से मिले थोक के ऑर्डर को पूरा करती थी। जिसके लिए ये टी-शर्ट, मग, माउस पैड आदि बेचते थे। B2B बिजनेस केवल सीजन में होता था साल में एक या दो बार जैसे दीपावली, होली पर या फिर नए साल पर बाकी दिन कंपनी के पास कोई आर्डर

PNR क्या है। Full form। PNR status check करने के 8 आसान तरीके।

जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम जानेंगे कि pnr नंबर क्या होता है तथा इसका फुल फॉर्म क्या है और pnr status कैसे चेक करते हैं आज यहां हम लोग pnr status check करने के 7 सबसे आसान तरीके के बारे भी जानेंगे। PNR क्या है। PNR का full form। PNR का फुल फॉर्म passenger name record होता है हिंदीमे इसे "यात्री नाम अभिलेख" कह सकते हैं। यह सभी प्रकार के लम्बी दूरी के यात्रा टिकट पर होता है जिसे ऑनलाइन बुक किया जाता है जैसे ट्रेन का टिकट, प्लेन का टिकट, बस का टिकट आदि। pnr number कंप्यूटर खुद बनाता है यह ऑटोमेटिक जेनरेट होता है। Pnr number की सहायता से आप बुक किए हुए टिकट की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि आपका टिकट कंफर्म हुआ है कि नही, टिकट वेटिंग लिस्ट में है तो कितने नंबर पर है, RAC है तो कितने नंबर पर हैं और टिकट के कंफर्म होने की संभावना कितनी है यदि कंफर्म हुआ है तो कौन सा बर्थ है कौन सी बोगी में है कौन सा ट्रेन है किस स्टेशन से किस तारीख को चलेगी कितने बजे चलेगी और अपने गंतव्य स्थान पर किस दिन और कितने बजे पहुंचेगी यह

boAt कहा की कंपनी है। boAt कंपनी का मालिक कौन हैं।

जय हिन्द दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम जानेंगे कि boAt kaha ki company hai और इसका मालिक कौन है। तथा इसकी शुरुआत कब हुई थी और आज boat कंपनी की net worth कितनी है। Boat company इयरफोन, हेडफोन, इयर बड्स, स्पीकर, फिटनेस बैंड आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती और बेचती हैं। जो बहुत ही अच्छी गुणवत्ता के होते हैं और काम दाम पर उपलब्ध होते है। मुख्य बिंदु। कंपनी का नाम -   boAt  देश -                भारतीय उत्पाद -              इलेक्ट्रॉनिक्स स्थापना -           2016 संस्थापक -         अमन गुप्ता ब्रांड एंबेसडर -    रश्मिका मंदाना नेट वर्थ -            1.4billion dollar वेबसाइट -          https://www.boat-lifestyle.com मुख्यालय -         नई दिल्ली (110016) Bo A t kaha ki company hai? BoAt एक भारतीय कंपनी है जो इयरफोन, हेडफोन, एयरपोड्स, ब्लूटूथ स्पीकर आदि बनाती हैं। BoAt वियरेबल इयरफोन, हेडफोन आदि बेचने के मामले में भारत में नंबर वन और दुनिया में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कंपनी का हेडक्वाटर नई दिल्ली में है वर्तमान में कंपनी में कुल कार

एयरोप्लेन या हवाई जहाज का रंग सफेद ही क्यों होता है।

जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख हम जानेंगे कि एयरोप्लेन का रंग सफेद ही क्यों होता है क्या फायदा होता है इससे ऐसा करने के पीछे क्या कारण हैं। हवाई जहाज का रंग सफेद रखने के पीछे इस रंग के कुछ गुण है आइए इनके बारे मे जानते हैं कि वो कौन से गुण है सफेद रंग में जिसकी वजह से लगभग सभी हवाई जहाजों का रंग सफेद रखा जाता है। एयरोप्लेन या हवाई जहाज का रंग सफेद क्यों होता है? 1. सफेद रंग हल्का होता है। अन्य रंगो की अपेक्षा सफेद रंग के पेंट भार में हल्के होते हैं, आपको जान कर हैरानी होगी एक बड़े साइज के हवाई जहाज को पेंट करने में कम से कम 500 से 600 लीटर पेंट लगता है। यदि किसी और रंग का इस्तेमाल किया जाए तो यह भार और भी ज्यादा हो सकता है। और हवाई जहाज अपने वजन के अनुसार ही ईंधन की खपत करता है। इसलिए सफेद रंग का उपयोग किया जाता है। 2. सफेद रंग सस्ता होता है। सफेद रंग अन्य रंगो की अपेक्षा सस्ता भी होता है चूंकि बहुत अधिक मात्रा में पेंट की आवश्यकता होती हैं इसलिए सफेद रंग का इस्तेमाल करने से कुछ पैसे बच जाते हैं। 3. सफेद रंग सूर्य के प्रकाश को परावर्तित

टायर काले रंग के ही क्यों होते है। कोई और रंग क्यों नही ।

जय हिन्द दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम जानेंगे कि टायर का रंग काला ही क्यों होता है। इसके पीछे क्या कारण है और इससे क्या फायदा होता है। दुनिया ने कितनी भी तरक्की कर ली हो और भले ही गाड़ियों का रंग लाल, पीला, हरा, भूरा हो लेकिन टायर आज भी काले होते हैं और ये केवल भारत में ही नहीं होता है, बल्कि पूरी दुनिया में टायरों का रंग काला ही होता है।  आइए जानते हैं कि क्या कारण है कि दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली फिर भी टायरों का रंग नही बदल सकी और और टायर का रंग काला होता किसकी वजह से है। टायर का रंग काला क्यों होता है।   टायर को प्राकृतिक रबर से बनाया जाता हैं जो सफेद और हल्के पीले रंग का होता हैं। यदि के रबर का टायर बनाया जाए तो वह बहुत कमजोर और मुलायम होंगे जिसकी वजह से टायर जल्दी घिसेंगे और फट जायेंगे। जिससे बार बार गाड़ी पंचर होती रहेगी और जल्दी। जल्दी टायर बदलना पड़ेगा, जिससे पैसा भी खराब होगा और वातावरण भी। ऊपर बताए गए सभी परेशानियों से बचने के लिए टायर बनाते समय उसमे टेलूरियम सल्फर और कार्बन ब्लैक मिलाया जाता है जिससे टायर मजबूत बनते हैं। और