आजकल दुनिया ग्लोबल वार्मिंग पर बहुत ज्यादा चर्चा कर रही है आपको यह पता होना चाहिए कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या ग्रीनहाउस गैसों की वजह से ही उत्पन्न हुई है। तो आईए जानते है कि ग्रीनहाउस गैस क्या है और यह हमारे वायुमंडल को कैसे गर्म बना रही है।
ग्रीन हाउस गैस क्या है? Green house effect in hindi?
प्राकृतिक रूप से यह गैसे उत्सर्जित होती रहती हैं प्राकृतिक रूप से उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैस पृथ्वी के वायुमंडल का तापमान संतुलित करके रखती थी लेकिन मनुष्यों ने आधुनिकता के कारण ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत अधिक बढ़ा दिया है जिससे कारण हमारे वायुमंडल में ग्रीन गैसों की मात्रा बढ़ गई है जिसके फल स्वरुप ये सामान्य से अधिक सूर्य की ऊर्जा को रोक ले रहे हैं जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है। इसे ही ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।
जैसे जैसे ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा हमारे वायुमंडल में बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पृथ्वी का तापमान भी बढ़ता जा रहा है। पृथ्वी इंसानों का घर है और इस पृथ्वी को हरी भरी रखने में ग्रीन हाउस गैसो का बहुत बड़ा योगदान है इसीलिए इन गैसों को ग्रीन हाउस गैस कहा जाता है।
ग्रीन हाउस गैसे कौन-कौन सी है? Green house gases.
जबकि कार्बन, मेथेन, कार्बन डाई ऑक्साइड आदि गैसों का उत्सर्जन हमारे कारण लगातार बढ़ रहा है यही कारण है कि ग्लोबल वार्मिंग की जब भी बात होती है इन गैसो का और इनके श्रोतो का जिक्र सबसे पहले किया जाता हैं।
ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन।
ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन सबसे ज्यादा जीवाश्म ईंधन के जलने पर होता है जैसे कोयला, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, एलपीजी, एटीएफ आदि। इसमें किसी भी सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हवाई जहाज से होता है।
कारखाने उद्योगों से भी कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में पशुपालन भी अपना योगदान दे रहा है।
आजकल जहां देखी वहां कूड़े के ढेर मिल जाते हैं जिसमें सड़ने वाली बहुत सी चीज होती हैं जो कहीं हानिकारक गैसे उत्सर्जित करती हैं कई बार इसमें आग भी लग जाता है।
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