जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग Hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम जानेंगे कि पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं हैं या फिर लोग ऐसा सोचते हैं कि यदि पृथ्वी गोल है तो पृथ्वी के नीचे वाले हिस्से में रहने वाले लोग क्यों नहीं गिरते हैं आपके भी मन में यह सवाल जरूर आया होगा।
लेकिन हमें आज तक इसका सही जवाब नहीं मिल पाया है या फिर यूं कहें कि लोग या फिर किताबें हमें समझा नहीं पाती हैं कि ऐसा कैसे होता है और क्यों होता है लेकिन हम आपको बता दें कि आज आप इस टॉपिक को इतनी अच्छी तरीके से समझ जाएंगे कि आप दूसरों को भी बहुत ही आसानी से समझा सकते हैं।
तो आइए जानते हैं कि पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं है।
पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं हैं।
पृथ्वी गोल है फिर भी हम लोग इसलिए नहीं गिरते हैं क्योंकि हमारे ऊपर गुरुत्वाकर्षण बल लगता है गुरुत्वाकर्षण बल एक ऐसा बल है जो पृथ्वी के केंद्र यानी कि ध्रुव से पृथ्वी के चारों ओर एक समान रूप से हर वस्तु पदार्थ पर लगता है।
इसीलिए पृथ्वी पर उपस्थित पानी, पेड़ ,पौधे, कंकड़ ,पत्थर आदि चीजें भी नहीं गिरती हैं अपनी जगह पर बनी रहती हैं।
चुकी पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के केंद्र से चारों ओर सभी वस्तुओं पदार्थों पर एक समान रूप से लागू होता है इसलिए आप पृथ्वी के ऊपरी हिस्से में हो या निचले हिस्से में हो या मध्य के हिस्से में हो कभी नहीं गिरेंगे।
पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही हम लोगों को कभी यह एहसास नहीं होता है कि हम नीचे वाले हिस्से में हैं तो हमारा सर नीचे होगा यानी कि हमें उल्टा लटकने जैसा महसूस नहीं होता है।
पृथ्वी गोल है या नहीं। पृथ्वी कैसी है।
ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वी एकदम गोल नहीं है यह अंडे के आकार का या आलू के आकार की है, आज भी दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो पृथ्वी को समतल मानते हैं नहीं की उनका ऐसा मानना है कि पृथ्वी चपटी है लेकिन उनका यह मानना बिल्कुल गलत है यह तो आपको भी पता होगा।
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पृथ्वी घूम रही है तो हम लोग क्यों नहीं घूम रहे हैं।
हर किसी के मन में यह सवाल जरूर आता है कि यदि पृथ्वी घूम रही है तो हम लोग क्यों नहीं घूमते हैं यह बहुत आसान बात है लेकिन समझाने वाले लोग सही से नहीं समझा नहीं पाता है लेकिन हमने बहुत ही आसान शब्दों में समझाया है।
यदि आपने ट्रेन में सफर किया है तो आपने देखा होगा कि जब ट्रेन एक समान चाल से चलती है तो उस समय आप बहुत ही आसानी से ट्रेन में खड़े हो सकते हैं और चल भी सकते हैं जब हम ट्रेन में होते हैं तो ट्रेन की खिड़कियों और दरवाजों से बाहर देख पाते हैं और ट्रेन के वाइब्रेशन से हमें पता चलता है कि ट्रेन चल रही है। यदि यह ट्रेन साउंड प्रूफ हो और साइज में बहुत बड़ी हो और इसमें किसी तरह का वाइब्रेशन ना हो तो आप नहीं बता पाएंगे कि ट्रेन चल रही है या नहीं।
ठीक इसी तरह पृथ्वी भी है, पृथ्वी एक समान चाल से चल रही है और हम भी उसी के साथ उसी रफ्तार से घूम रहे हैं लेकिन पृथ्वी का आकार कितना बड़ा है कि हमें ठीक से पूरी पृथ्वी ही नहीं दिखाई देती है और साथ ही पृथ्वी में किसी प्रकार का वाइब्रेशन नहीं है इसलिए हमें पृथ्वी के घूमने का एहसास नहीं होता है।
और पृथ्वी का जो वायुमंडल है वह भी पृथ्वी के साथ उसी स्पीड से घूम रहा है जिस गति से पृथ्वी घूम रही है इसलिए हमें ऐसा महसूस ही नहीं होता है कि पृथ्वी घूम रही है। यही कारण है कि हमें पृथ्वी पर घूमने के लिए बाइक साइकिल ट्रेन का इस्तेमाल करना पड़ता है। 😇
हम पृथ्वी के अंदर या बाहर।
इसका एकदम सीधा साधा जवाब है कि हम लोग पृथ्वी के बाहरी हिस्से में हैं। या फिर हम लोग यूं कहे कि पृथ्वी के ऊपरी हिस्से पर है यहां ऊपरी हिस्सा पृथ्वी के चारों ओर के सरफेस को कहा गया है।
पृथ्वी कितनी बड़ी है। पृथ्वी की त्रिज्या।
पृथ्वी कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पृथ्वी की त्रिज्या 6371 km किलोमीटर है यानी कि इसका पूरा व्यास 12742 km किलोमीटर है।
इसका यह अर्थ है कि यदि पृथ्वी में आर पार एक छेद किया जाए तो इस छेद से एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जाने के लिए 12742 किलोमीटर की दूरी को तय करना होगा।
अगर आप इसे और भी अच्छे से समझना चाहते है तो आप खान सर का यह वीडियो देख लीजिए
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