Share in hindi: शेयर क्या होता है। कैसे खरीदे। पूरी जानकारी हिंदी में।

जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है आपने अक्सर देखा और सुना होगा कि स्टॉक मार्केट में रूचि रखने वाले लोग हमेशा शेयर खरीदने और बेचने की बात करते रहते हैं लेकिन जिनको शेयर के बारे में नहीं पता होता है उन्हें कुछ समझ में ही नहीं आता है अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं तो आज का यह लेख आपके लिए ही है। इसमें हम लोग जानने वाले हैं कि शेयर क्या होता है और यह कितने प्रकार का होता हैं तथा शेयर कैसे खरीदे व बेचे जाते हैं।

हो सकता है कि आपने इससे पहले भी इसे जानने का प्रयास किया हो की share kya hai लेकिन अच्छे से समझ में ना आया हो परंतु हम आपको यह गारंटी दे सकते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद शेयर के जुड़े सारे सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे। और वो भी इतने आसान शब्दों में कि आप दूसरों को भी इसके बारे में बता पाएंगे। तो आइए जानते!

शेयर क्या होता है? Share in hindi.

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स्टॉक मार्केट में शेयर का मतलब किसी कंपनी का पार्ट, हिस्सा या भाग होता है। " जब किसी कंपनी के वैल्यूएशन को ढेर सारे छोटे छोटे भागो में विभाजित कर दिया जाता है तो प्रत्येक भाग को कंपनी का शेयर कहते है। " शेयर किसी कंपनी के सबसे छोटे टुकड़ों को कहते हैं। 1 शेयर किसी कंपनी का सबसे छोटा हिस्सा या टुकड़ा या अंश होता है। यदि आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो इसका मतलब है कि आप उस कंपनी में हिस्सेदारी खरीद रहे हैं। जो लोग किसी कंपनी के शेयर को खरीद लेते हैं उन्हें शेयर होल्डर या शेयर धारक कहा जाता है।

Share meaning in hindi: शेयर का मतलब हिंदी में अंश, भाग, साझा करना, बांटना भी होता हैं।

आइए शेयर को उदाहरण से समझते हैं: मान लीजिए कि एक कंपनी है जिसकी कुल कीमत ₹100 है अब यदि आप इसे 100 टुकड़ों में बांट दे तो 1 टुकड़े की कीमत 1₹ होगी अर्थात इस कंपनी के पास अब 100 शेयर हैं और प्रत्येक शेयर की कीमत एक रुपए है। और 1 शेयर कंपनी के 1% हिस्से के बराबर होगा है तो यदि आप कंपनी का 1 शेयर होल्ड करते हैं तो आप इस कंपनी के एक परसेंट के मालिक हो जाएंगे।

आमतौर पर कंपनियों के मालिक और उसके प्रमोटर्स कंपनी का 50 परसेंट से अधिक हिस्सा अपने पास ही रखते हैं और उसके बाद बाकी हिस्से को जरूरत के अनुसार शेयर के रूप में जारी करते हैं जिन्हें लोग स्टॉक एक्सचेंज से खरीदते हैं।

Share और Stock में क्या अंतर है।

Share in hindi: शेयर किसी कंपनी के द्वारा जारी किया गया कंपनी के स्वामित्व का सबसे छोटा हिस्सा होता है। शेयर को हम किसी कंपनी के स्टॉक में से खरीदते हैं।

Stock in hindi: स्टॉक शेयर के बड़े लॉट को कहते हैं जिसमे बहुत अधिक शेयर होते हैं। स्टॉक को शेयर भी बोला जाता है क्योंकि दोनो ज्यादा अंतर नहीं है।

कंपनी शेयर क्यों जारी करती हैं।

जब कोई कंपनी नई होती है तब उसे और बड़ा करने के लिए बहुत अधिक पैसों की आवश्यकता पड़ती है और यह पैसा कंपनी को केवल दो ही तरह से मिल सकता है पहला लोन के रूप में और दूसरा लोगों को कंपनी का शेयर बेचकर। लोन बहुत मुश्किल से मिलता है और जितना जरूरत है उतना मिलना मुश्किल होता है यदि मिल भी जाता है तो बहुत अधिक ब्याज दर पर मिलता है जो कंपनी के लिए नुकसानदायक होता है।

इसलिए कंपनी के पास सबसे अच्छा ऑप्शन होता है कंपनी का IPO लाना, जिसके माध्यम से कंपनी अपने कुछ शेयर को लोगों में बेच दे और उससे प्राप्त पैसे का इस्तेमाल कंपनी को बड़ा करने में लगाएं इससे कंपनी पर कर्ज भी नही पड़ता और पैसे भी आसानी से मिल जाते हैं।

शेयर कितने प्रकार के होते हैं। Types of share in hindi.

शेयर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।
1.Equity shares.
2.Preference shares.

1. Equity shares.
Equity शेयर को ordinary shares या कॉमन शेयर भी कहते हैं इक्विटी शेयर होल्डर्स को वोटिंग राइट्स की सुविधा मिलती है जब कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को चुनने की बात आती है तो इक्विटी शेयर होल्डर्स वोट कर सकते हैं। या फिर कोई और बड़ा फैसला कंपनी के द्वारा बिना इन शेयर होल्डर्स के सहमति के नहीं लिया जाता है। 

2. Preference shares.
प्रेफरेंस शेयर धारकों को वोटिंग राइट्स नहीं होते हैं और वे कंपनी के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दे सकते हैं। प्रीफरेंस शेयर कारकों को प्रत्येक वर्ष fix dividend दिया जाता है। जब कंपनी किसी कारणवश बंद हो जाती है दिवाली होती है तो ऐसी स्थिति सबसे पहले प्रेफरेंस शेयर होल्डर को उनके पैसे लौटाए जाते हैं।
Preference shares आठ प्रकार के होते हैं।

(i). Cumulative preference shares: इस प्रकार के शेयर होल्डर्स को कंपनी किसी कारणवश या लॉस के कारण शेयर होल्डर्स को इस साल डिविडेंड नहीं दे पाती है तो यह डिविडेंड अगले साल वाले डिविडेंड के साथ जुड़ जाता है।

(ii). Non-cumulative preference shares: इस प्रकार के शेयर होल्डर्स को यदि कंपनी इस वर्ष डिविडेंड नहीं दे पाई है तो ये डिविडेंड अगले वर्ष भी नहीं मिलेगा अगले वर्ष केवल उसी वर्ष का डिविडेंड मिलेगा।

(iii). Convertible shares: जिन शेयर धारकों के पास Convertible प्रेफरेंस शेयर होता है उनके पास एक विशेष सुविधा ये होती है कि वे जब चाहे तब अपने प्रेफरेंस शेयर को इक्विटी शेयर में परिवर्तित करा सकते हैं इसके कुछ नियम व शर्ते हैं।

(iv). Non- convertible shares: इस प्रकार के शेयरधारकों के पास यह अधिकार नहीं होते हैं कि वह अपने शेयर को इक्विटी शेयर में परिवर्तित करा सकें।

(v). Participating preference share: इस प्रकार के शेयर जिन धारकों के पास होते है विशेष सुविधा मिलती है जैसे यदि कंपनी को प्रॉफिट हुआ है तो कंपनी में पहले प्रेफरेंस शेयर होल्डर को डिविडेंड दे दिया और उसके बाद इक्विटी शेरहोल्डर्स को डिविडेंड दे दिए इसके बाद भी प्रॉफिट बचता है तो इसमें इक्विटी शेयर होल्डर्स और पार्टिसिपेटिंग प्रेफरेंस शेयर होल्डर्स दोनो का हिस्सा होता है।

(vi). Non participating preference shares: इस प्रकार के शेयर होल्डर्स को कोई विशेष सुविधा नहीं मिलती है सामान्य तौर पर जो डिविडेंड निर्धारित होते हैं वही दिया था।

(vii). Reedemable preference shares: इस प्रकार के शेयरधारकों से कंपनी एक बॉन्ड साइन कराती है जिसमें यह होता है कि एक फिक्स डेट के बाद कंपनी इन्हे शेयर के पैसे देकर शेयर खरीद लेगी जिसके बाद इन्हें डिविडेंड देना बंद कर दिया जाता है।

(viii). Non Reedemable preference shares: इस प्रकार के शेयर धारकों के लिए किसी प्रकार का कोई रीपेमेंट डेट नहीं होती है इसलिए ये जब तक चाहे तब तक कंपनी के शेयर रख सकते हैं और डिविडेंड का लाभ इनको मिलता रहता है।

कुछ विशेष प्रकार के भी शेयर होते हैं।

बोनस शेयर (Bonus share in hindi): बोनस शेयर की से तात्पर्य उन अतिरिक्त स्टॉक से है जिन्हें कंपनी मौजूदा शेयरधारकों को निःशुल्क बोनस के रूप में देती हैं। 

राइट शेयर (right share in hindi): राइट शेयर का अर्थ यह है कि एक कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को शेयर बाजारों में व्यापार के लिए पेश किए जाने से पहले - एक विशेष कीमत पर और एक विशिष्ट अवधि के भीतर नए शेयर प्रदान कर सकती है।

प्लेज शेयर (pledge share in hindi): प्लेज शेयर उन्हें कहते हैं जिन्हें किसी कंपनी के प्रमोटर किसी और को गिरवी पर दे देते हैं। आमतौर पर ऐसा शेयर के बदले लोन लेने के लिए किया जाता है। जब  किसी कंपनी को बहुत अधिक पैसे की आवश्यकता नहीं होती है तब उसके प्रमोटर कंपनी के शेयर को किसी बैंक के पास गिरवी रखकर उस पर लोन ले लेते हैं।

स्वीट इक्विटी शेयर (sweat share in hindi): यदि कंपनी के एक जिम्मेदार कर्मचारी के रूप में आपने कंपनी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है कई बार कुछ कंपनियां आपको स्वीट इक्विटी शेयर देकर पुरस्कृत करती है।

वोटिंग और गैर-वोटिंग शेयर (voting and non voting right share in hindi): वोटिंग शेयर में आपको कंपनी के द्वारा लिए जाने वाले फैसलों में वोटिंग करने का अधिकार मिलता है जबकि गैर वोटिंग शेयर में आपको यह अधिकार नहीं मिलते हैं।

शेयर के फायदे। Advantage of shares.

शेयर से कंपनी को भी फायदा होता है और आम लोगों को भी फायदा होता है। कैसे आइए जानते हैं!

  • जब कंपनी को पैसे की आवश्यकता होती है तो कंपनी आसानी से लोगों को कंपनी के शेयर देकर उनसे पैसे ले लेती हैं।
  • जब पैसे की समस्या दूर हो जाए तब कंपनी अपने शेयर धीरे-धीरे वापस भी खरीद सकती है।
  • जब लोग किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो उस कंपनी के ग्रोथ से लोगों के शेयर का भी कीमत बढता है।
  • कंपनी अपने शेयर का इस्तेमाल करके किसी अच्छे और अनुभवी इन्वेस्टर को कंपनी में ला सकता है।
  • शेयर कंपनी को कर्ज लेने से बचाते हैं।

शेयर कैसे खरीदे। 

आज के समय में सब कुछ ऑनलाइन हो गया है इसलिए आप स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड किसी भी कंपनी का शेयर ऑनलाइन ही खरीद सकते हैं ऑनलाइन किसी कंपनी का शेयर खरीदने के लिए जो आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है।

डीमेट अकाउंट आप किसी अच्छे ब्रोकर ऐप जैसे Upstox, Zerodha, grow के माध्यम से खुलवा सकते हैं। जैसे मैंने अपना डीमैट अकाउंट Upstox में खुलवाया।

जब आपका डिमैट अकाउंट ओपन हो जाए तो उस ऐप में लॉगिन कर लीजिए। अब सर्च बॉक्स में आप उस कंपनी का नाम लिखकर सर्च करेंगे तो वो कंपनी आपके सामने आ जाएगी और यहीं पर आपको यह भी पता चल जाएगा कि वह कंपनी NSE में है कि BSE में, जिस पर क्लिक करके आप उसके कितने शेयर खरीदना चाहते हो उतना नंबर डालकर पेमेंट कर देंगे तो उस कंपनी के उतने शेयर आपके डिमैट अकाउंट में कुछ देर में जाएंगे।


निष्कर्ष। (Share in hindi)

शेयर किसी कंपनी का वास्तविक भाग होता है इसलिए यदि आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आप किस कंपनी के लाभ में भी भागीदार होंगे इसका अर्थ है कि यदि आने वाले समय में कंपनी बड़ी होती है तो आपके शेयर का दाम भी बढ़ जाएगा। अतः किसी अच्छी कंपनी का शेयर खरीदना एक अच्छा निवेश होगा।

उम्मीद है कि आपको अब पूरी तरह से समझ में आ गया होगा कि शेयर क्या होता है (share in hindi) यदि अभी भी आपके मन में शेयर से जुड़ा कोई सवाल है जिसका उत्तर आपको इस लेख में नहीं मिला है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सभी सवालों का जवाब अवश्य देंगे।

अक्क्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (Share in hindi)

भारत का सबसे महंगा शेयर कौन सा है?

भारत का सबसे महंगा शेयर MRF का है वर्तमान में इसके 1 शेयर की कीमत 1 लाख के पार पहुंच चुकी है। यह भारत का एकमात्र ऐसा शहर है जिसकी कीमत ₹100000 से अधिक हो चुकी है।

शेयर का दाम कैसे घटता और बढ़ता है?

स्टॉक मार्केट में जब किसी कंपनी के शेयर को बहुत अधिक लोग बेच रहे हैं और खरीदने वाले कम हो तब उस शेयर का प्राइस गिरने लगता है और जब किसी कंपनी के शेयर को खरीदने वाले अधिक हो और बेचने वाले कम हो तब उस कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ने लगता है।

जब कंपनी कोई अच्छा काम करती है जिससे कंपनी को लाभ होता है तो भी कंपनी के शेयर के दामों में बढ़ोतरी होती है और यदि कंपनी में किसी प्रकार की कमी होती है जिससे कंपनी को नुकसान होता है तो इससे कंपनी के शेयर के दाम गिरने लगते हैं।

दुनिया का सबसे महंगा शेयर कौन सा है?

दुनिया का सबसे महंगा शहर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर डिस्ट्रिक्ट है जिसका नाम 

एक शेयर कितना होता है?

एक शेयर किसी कंपनी का सबसे छोटा हिस्सा होता है।

क्या मैं एक शेयर खरीद सकता हूं?

जी हां आप एक शेयर भी खरीद सकते हैं

शेयर कितने प्रकार के होते हैं?

शेर मुख्य रूप से केवल दो ही प्रकार के होते हैं।
1.इक्विटी शेयर।
2.प्रीफरेंस शेयर।


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