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ipo full form? IPO क्या है? कैसे खरीदे? ipo के फायदे व नुकसान?

जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप लोग hindimetalk.com पर आपका स्वागत है इसके पहले वाले लेख में हम लोगों ने FD के बारे में जाना था और आज के इस लेख में हम लोग जानने वाले हैं कि IPO क्या होता है और इसका फुल फॉर्म क्या होता है तथा हम इस लेख में यह भी जानेंगे कि आप किसी कंपनी के आईपीओ को कैसे खरीद व बेच सकते हैं।

हो सकता है कि आपने बहुत बार सुना हो कि किसी कंपनी का आईपीओ आ रहा है और उसमें लोग बहुत तेजी से पैसा लगा रहे हैं या फिर आपने यह सुना हो कि किसी व्यक्ति ने किसी आईपीओ में पैसा लगाया था जो कि अब डबल हो चुका है। या फिर आईपीओ ओवरसब्सक्राइब्ड हो गया है इसीलिए आज हम आईपीओ के बारे में ही जानेंगे कि आईपीओ है क्या है और क्या सच में आईपीओ में पैसा डबल हो सकता है।

आईपीओ क्या है? What is IPO in hindi.

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IPO का फुल फॉर्म "Initial public offering" होता है हिंदी में आई पी ओ का मतलब "शुरुआती सार्वजानिक प्रस्ताव" होता है। जब कोई भी कंपनी पहली बार अपने शेयर लोगों को खरीदने का ऑफर देती है तब इसे आईपीओ कहा जाता हैं।

आईपीओ में आप अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना शेयर नहीं खरीद सकते हैं क्योंकि आईपीओ में शेयर को एक लॉट के रूप में दिया जाता है इस लॉट में शेयर की संख्या और इसका प्राइस कंपनियां पहले से ही तय कर देती हैं एक लॉट की कीमत 12 से ₹15000 तक हो सकती है। आप एक से अधिक लॉट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

आईपीओ कितने प्रकार का होता है। types of IPO.

IPO दो प्रकार के होते हैं।

  1. Fix price issue ipo: इस प्रकार के आईपीओ के लॉट का प्राइस फिक्स होता है। आमतौर पर एक लॉट का प्राइस ₹12000 से ₹15000 तक होता है।
  2. Book building issue ipo: इस प्रकार के आईपीओ के लॉट मैं शेर की संख्या तो निर्धारित होती है परंतु शेयर के प्राइज निर्धारित नहीं होते हैं। इसमें एक शेयर के लिए न्यूनतम और अधिकतम राशि है तय की जाती इन दोनों राशियों के बीच का अंतर 20 परसेंट से अधिक नहीं होता है। जैसे ₹400 से ₹450 यहां न्यूनतम राशि को floor price और अधिकतम राशि को cap price बोला जाता है। यहां आप 400 से 450 के बीच में कोई भी अमाउंट सिलेक्ट करके आईपीओ के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

कंपनियां IPO क्यों लाती है?

किसी भी कंपनी के आईपीओ लाने के का मुख्य उद्देश्य होता है पैसा जुटाना जिसे कैपिटल गेन भी कहते हैं अब कंपनी किस उद्देश्य से पैसा जुटा रही है इसके बारे में कंपनियां खुद Red herring prospector में बता देती हैं इसके बारे में जानने के लिए आप सभी के वेबसाइट पर जाकर उस कंपनी का नाम सर्च करके उसके रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टर को पढ़ सकते हैं। आमतौर पर किसी भी कंपनी के आईपीओ लाने के ये तीन मुख्य तीन कारण होते हैं।
  1. कंपनी का विस्तारीकरण करने के लिए पूंजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए।
  2. कंपनी के ऊपर से कर्ज को कम करने के लिए खत्म करने के लिए पूंजी की आवश्यकता।
  3. कंपनी के द्वारा प्रोडक्ट और सर्विस को बेहतर बनाने के लिए। पूंजी की आवश्यकता।

आईपीओ कैसे खरीदे। How can i buy ipo.

आईपीओ खरीदने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है। आपने डिमैट जिस भी ब्रोकर के साथ खोला है उसके ऐप ( zerodha, upstox, groww) में लॉगइन कर लीजिए फिर इसमें explore या discover के ऑप्शन पर क्लिक करके आईपीओ के ऑप्शन पर जाइए अब यहां आपको उन कंपनियों की लिस्ट दिखाई देगी जो अपना आईपीओ लेकर आ रहे हैं इनमें से जिस भी कंपनी के आईपीओ के लिए आप अप्लाई करना चाहते हैं सबसे पहले यह चेक करें कि इस कंपनी के आईपीओ के लिए बिडिंग किस दिन से शुरू होगी।

IPO के लिए बिडिंग 3 दिन तक खुला होता है तो आप केवल इन्हीं 3 दिनों के बीच में ही आईपीओ के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

अब उस आईपीओ को सिलेक्ट कीजिए और अप्लाई के ऑप्शन पर क्लिक कर दीजिए।

अब आपको लॉट संख्या चुनने का एक ऑप्शन मिलेगा इसमें आप जितने लॉट के लिए अप्लाई करना चाहते हैं उतना नंबर डालकर continue पर क्लिक करें। यदि आईपीओ के लिए प्राइस बैंड है तो आप कट ऑफ प्राइस पर टिक करके आगे बढ़े।

अब आपको अपना UPI आईडी डालना है जिससे आप पेमेंट करना चाहते हैं। इसके बाद I accept terms & condition को टिक ☑️ करके confirm पर क्लिक कर दीजिए।

अब आपके यूपीआई एप पर एक रिक्वेस्ट आएगी यहां से आपको अपना यूपीआई पिन दर्ज इसे अप्रूव कर देना है अब जितने प्राइस का एक लॉट होगा उतना पैसा आपके बैंक अकाउंट में फ्रीज हो जाएगा। यह पैसा आपको दिखेगा परंतु आप उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

यह पैसा आपके बैंक से तभी कटेगा जब आपको आईपीओ एलॉट हो जाएगा।

Ipo allotment process: आईपीओ एलॉटमेंट प्रोसेस दो प्रकार से होता है 

1.यदि आईपीओ ओवरसब्सक्राइब्ड नहीं हुआ है तब पहले सबको एक-एक लॉट दे दिया जाता है इसके बाद जो सबसे अधिक लॉट के लिए अप्लाई किया होता है उससे फिर से दूसरे राउंड का एलॉटमेंट किया जाता है।

2.यदि आईपीओ बहुत अधिक ओवरसब्सक्राइब्ड हो जाता है तब लॉटरी के हिसाब से आईपीओ के लॉट एलॉट किए जाते हैं यहां पर लॉटरी सिस्टम कंप्यूटराइज होता है तो किस्मत वालों को ही आईपीओ के लॉट मिलते हैं। या फिर यूं कहें कि किसको मिलेगा यह किसी को पता नहीं होता है।

आईपीओ एलॉटमेंट के बाद 7 दिन के अंदर स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होने के लिए खुल जाता है जहां से लोग जितने चाहे उतने शेयर खरीद सकते हैं।

IPO निवेशक के प्रकार। Types of ipo invester.

आईपीओ निवेशक तीन प्रकार के होते हैं।

  1. Qualified institutional buyers:
  2. Non institutional investors:
  3. Retail investors: 

IPO के फायदे। Advantage of ipo.

कम प्राइस पर शेयर का मिलना: अक्सर कंपनियां आईपीओ में अपने शेयर कम प्राइस पर देती हैं या फिर जिस प्राइस पर कंपनी अपने शेयर आईपीओ खरीदने वाले को देती हैं कंपनी के स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाने के बाद उसका प्राइस तेजी से बढ़ जाता है जिससे निवेशकों को लाभ होता है।

लिस्टिंग गेन: लिस्टिंग गेम आईपीओ से पैसा कमाने का सबसे अच्छा ऑप्शन होता है इसमें कंपनियां अपने शेयर को एक निश्चित दाम पर लॉट के रूप में निवेशकों को देती हैं अक्सर ipo के बहुत अधिक डिमांड के कारण जब यह कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है तब इनका प्राइस आईपीओ में जारी किए गए शेयर के प्राइस से अधिक पर खुलता है जिससे निवेशकों को अच्छा खासा लाभ होता है इसीलिए इसे लिस्टिंग गेन कहा जाता है।

कंपनी को पूंजी की प्राप्ति: किसी कंपनी के द्वारा आईपीओ लाने का मुख्य उद्देश्य कंपनी के विस्तारीकरण के लिए धन जुटाना होता है आईपीओ के माध्यम से कंपनियां बहुत ही आसानी से अपने लिए आवश्यक पूंजी की प्राप्ति कर लेती है।

कर्ज से बचना: जैसा कि हम जानते हैं कंपनी के विस्तारीकरण के लिए कंपनी को पूंजी की आवश्यकता होती है तो अक्सर कंपनियां बैंक से ऋण ले लेती हैं क्योंकि बहुत अधिक ब्याज पर मिलता है और उसे एक निश्चित समय में चुकाना भी होता है जिससे कंपनी पर अनावश्यक ही दबाव बन जाता है जबकि आईपीओ के माध्यम से कंपनी के पास पैसा भी आ जाता है और कोई ब्याज भी नहीं देना पड़ता है। जिससे कंपनियां कर्ज लेने से बच जाती हैं।

वोटिंग का अधिकार: आईपीओ के माध्यम से किसी कंपनी में निवेश करने पर उस कंपनी में के द्वारा लिए जाने वाले फैसलों पर आपको वोटिंग का अधिकार आसानी से मिल सकता है।

लोगो का भरोसा: आमतौर पर पब्लिक लिस्टेड कंपनी में लोगों का भरोसा ज्यादा होता है और आईपीओ के माध्यम से कंपनी को फ्री की मार्केटिंग मिलती है और अधिक लोग इसके बारे में जानते हैं।

आईपीओ में निवेश करने के लिए अधिक जानकारी की आवश्यकता नहीं होती है।

IPO के नुकसान। Disadvantage of ipo.

  • अफसर आईपीओ का प्राइस ओवर प्राइस होता है जिससे कंपनी के स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद इस इनके शेयर के प्राइस गिरने लगते हैं।
  • आईपीओ जारी करने के बाद यदि कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तब शेयर के प्राइस गिरने लगते हैं और दोबारा फंडिंग मिलने में मुश्किल होती है। जिससे निवेशकों और कंपनी दोनों का नुकसान होता है।
  • आईपीओ में हम अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना शेयर नहीं खरीद सकते हैं।
  • आईपीओ मिलना किस्मत पर और बिडिंग पर निर्भर करता है। 

निष्कर्ष। ( आईपीओ क्या है)

किस आर्टिकल के निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते हैं कि IPO किसी नई कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो बिना लोन और कर्ज के अपना विस्तार करना चाहती है और आईपीओ निवेशकों के लिए भी एक अच्छा मौका होता है उस कंपनी में सबसे पहले भागीदार बनने का।

उम्मीद है कि आप पूरी तरह से समझ गया है कि आईपीओ क्या होता है और कंपनियां आईपीओ क्यों लाती है तथा आईपीओ हम कैसे खरीद सकते है। यदि अभी भी आपके मन में आईपीओ से जुड़ा कोई सवाल है जिसका उत्तर आपको हमारे इस लेख में नहीं मिला तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हमें आपके प्रश्नों का जवाब देने में खुशी होगी।


FAQs: (ipo kya hai).

प्रश्न. क्या मुझे IPO में निवेश करना चाहिए या नहीं?

उत्तर - आईपीओ में लॉट के रूप में निवेश करना होता है और आमतौर पर एक लॉट की कीमत 12 से ₹15000 के बीच में होती है तो यदि आप 12 से ₹15000 को दांव पर लगा सकते हैं तो आप आईपीओ में निवेश कर सकते हैं क्योंकि आईपीओ के ऊपर जाने की संभावना बहुत ज्यादा नहीं होती है।

प्रश्न. लोग आईपीओ क्यों खरीदते हैं?

उत्तर - आईपीओ खरीदने के दो मुख्य कारण है पहला है लिस्टिंग गेम आमतौर पर आईपीओ जारी करने के बाद जब कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है तो बहुत से कंपनियों के शेयर का प्राइस आईपीओ के प्राइस से ऊपर खुलता है जिससे निवेशकों को लाभ होता है और दूसरा कारण है कम प्राइस में अधिक शेयर मिलते हैं।

प्रश्न. आईपीओ कौन खरीद सकता है?

उत्तर - आईपीओ कोई भी खरीद सकता है बस उसके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए।

प्रश्न. IPO कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं?

उत्तर - आईपीओ को आप अपने ब्रोकर के ऐप से खरीद सकते हैं और आईपीओ के स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाने के बाद उसे शेयर के रूप में भेज भी सकते हैं।

प्रश्न. क्या आईपीओ में निवेश करना अच्छा है?

उत्तर -आईपीओ में निवेश करना जोखिम भरा भी है और अच्छा भी है यदि आप 12 से ₹15000 को दांव पर लगाने में संकोच नहीं करते हैं तो आपके लिए आईपीओ अच्छा साबित हो सकता है। क्योंकि आईपीओ में निवेश करने के लिए बहुत अधिक जानकारी की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रश्न. भारत का सबसे बड़ा आईपीओ क्या है?

उत्तर - भारत का सबसे बड़ा आईपीओ पेटीएम का था।


आईपीओ के बारे में और अच्छे से जानने के लिए आप प्रांजल कमरा जी का यह वीडियो देख सकते हैं। इसमें उन्होंने आईपीओ के बारे में अच्छे से समझाया है और आईटीओ की पूरी जानकारी दी है।

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